श्री यशवन्त सिंह बादल
संस्थापक अध्यक्ष

श्री यशवंत सिंह बादल: एक समाज सेवक व प्रमुख कर्मचारी नेता की जीवनी

संक्षिप्त परिचय

प्रमुख योगदान: सामाजिक सेवा, राजनीति, कर्मचारी नेता, पेंशन समस्याओं का समाधान

श्री यशवंत सिंह बादल जी, एक प्रमुख समाज सेवी, कर्मचारी नेता और अद्वितीय साहस के धनी, ने अपने जीवन को गरीबों की सेवा और समाज की सुधार के लिए समर्पित किया। वे वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद के संस्थापक अध्यक्ष थे, जिन्होंने अपनी सामाजिक मूल्यों के साथ-साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों को संभाला और समय पर पेंशन न मिलने जैसी समस्याओं का समाधान ढूँढने में अपना सहयोग दिया।

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:

श्री यशवंत सिंह बादल जी का जन्म 1 जुलाई 1945 को हुआ, और उनके पिता एक किसान थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों में भाग लिया था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा को खासी महत्व दिया और अपने पिता के काम में भागीदार बनकर बचपन बिताया। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना पत्र लिखे, जिसमें उनकी लेखन कौशल से प्रभावित होकर प्रधानाचार्य ने हाई स्कूल तक की शिक्षा के लिए उन्हें फीस में विशेष छूट दी। उन्होंने अपने सभी दोस्तों को विद्यालय जाने की प्रेरणा दी, और उन्होंने हमेशा यह संदेश दिया कि पढ़ाई का आधार बना कर किसी भी ऊंचाई को प्राप्त किया जा सकता है।

कैरियर की शुरुआत:

श्री यशवंत सिंह बादल जी ने अपना प्रारंभिक कैरियर 1962 में निजी क्षेत्र के कर्मचारी के रूप में आरंभ किया। उन्होंने 1964 में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में काम करना आरंभ किया, और वहाँ से सन् 2005 में रिटायर होने तक कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने इस दौरान कर्मचारी नेतृत्व के साथ-साथ सामाजिक सेवा का काम भी किया और अपनी व्यक्तिगत समृद्धि के साथ-साथ समाज के लिए भी योगदान किया। उनकी साइकल से दिल्ली से काठमांडू और दिल्ली से पुणे शांति मार्च यात्रा इस बात का प्रमाण है उन्होंने विश्विधालय का प्रतिनिधित्व किया। उनके इस शांति यात्रा पर अनेक प्रसिद्ध नेताओं ने उनकी हौसला अफजाई भी की थी। श्री बादल जी ने देश एवं विदेश के बहुत से नेताओ से भी मुलाकात की ओर उनको अपने विचारों से प्रभावित भी किया।

समाज सेवा और परिषद का गठन:
सन् 2005 में, जब वे विश्वविद्यालय से रिटायर हुए, तो उन्होंने वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद की स्थापना की। इस परिषद का मुख्य उद्देश्य अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के साथ-साथ उन लोगों की मदद करना था, जोकि सेवानिवृत्त होने के उपरान्त भी अपनी पेंशन का हक नहीं पा रहे थे। पेंशन के समय पर न मिलने की समस्या एक गंभीर मुद्दा थी, और श्री बादल जी ने इस समस्या का समाधान ढूँढने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

पेंशन समस्याओं का समाधान:
उन्होंने शांति के साथ आंदोलन किया और सरकार को यह समझाने का प्रयास किया कि वे सेवानिवृत्त लोगों को समय पर पेंशन प्रदान करें। उनके संघर्ष के परिणामस्वरूप, अब अनेक परिवार खुशहाली का जीवन व्यतीत कर रहे हैं और फैमिली पेंशनर भी
(परिवार) खुशहाली का जीवन जी रहा है।

राजनीतिक योगदान:
उनके राजनीतिक कौशल की झलक साफ तौर पर देखने को मिलती है उनके नेतृत्व कौशल के लिए प्रशंसा के पात्र हमेशा रहे है जिसका फायदा अनेक राजनितज्ञो उनसे हमेशा सुझाव प्राप्त किए और लाभान्वित भी हुए । उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी उपकल्पतियों के द्वारा उनके समृद्धि के प्रामाणिक प्रमाण के रूप में एक समय समय पर उनके द्वारा तैयार किए गए डॉक्यूमेंट्स को मान्यता दी।

आखिरी दिनों में:
दिनांक 9 मार्च 2021 को श्री यशवंत सिंह बादल जी का दिल का दौरा पड़ गया और वे भगवान के चरणों में विलीन हो। वे परिषद के सदस्यों को एक लंबे संघर्ष के उपरांत एक अच्छा मंच उपलब्ध कराकर गए, जिससे वे अपनी बात रख सकें और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर आगे बढ़ सकें।

निष्कर्ष:
श्री यशवंत सिंह बादल जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि सेवा और समाज के लिए योगदान करने से हम अपने जीवन को महत्वपूर्ण बना सकते हैं और समाज को सुधारने के लिए हमारा योगदान हमेशा अद्वितीय होता है। उनकी सेवाओं की यादें हमें सदैव प्रेरित करेंगी और हमें यह सिखाएंगी कि हम सभी कुछ कर सकते हैं जब हम समाज के लिए मिलकर काम करते हैं। श्री यशवंत सिंह बादल जी की महान जीवनी हमें उनके समर्पण और सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका का परिचय कराती है, और हमें यह दिखाती है कि एक व्यक्ति अपने समय और उपलब्धियों का सही तरीके से उपयोग करके समाज में बदलाव ला सकता है।

श्री यशवंत सिंह बादल जी का जीवन प्रेरणास्पद है और उनके सामाजिक सेवा और कर्मचारी समृद्धि के क्षेत्र में किए गए योगदान का सराहनीय है। उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण क्षणों को मिलाकर समाज के लिए सकारात्मक परिवर्तन किए। उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को निम्नलिखित रूप से सारांशित किया गया है:

1. शिक्षा और समाज सेवा: श्री यशवंत सिंह बादल जी ने अपने शिक्षा और कर्मचारी करियर के दौरान समाज सेवा के माध्यम से समाज के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने कैसे शिक्षा के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया और उन्हें उच्च शिक्षा तक पहुँचने के लिए सहायक बनाया, यह एक महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है।

2. कर्मचारी समृद्धि: उन्होंने कर्मचारियों के लिए सुधार की स्थापना की और उनकी समस्याओं का समाधान खोजने में मदद की। वे पेंशन के समय पर न मिलने की समस्या को सुलझाने के लिए संघर्ष किया और सरकार को इसे सुधारने के लिए बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित किया।

3. सामाजिक संगठनों में योगदान: उन्होंने सामाजिक संगठनों में भी योगदान किया और अपने नेतृत्व कौशल का उपयोग करके सामाजिक परिवर्तन को प्रोत्साहित किया।

4. राजनीतिक सेवा: उनके राजनीतिक योगदान भी महत्वपूर्ण था, और वे अपने नेतृत्व कौशल का उपयोग करके राजनीतिक विधियों में भाग लिए और विभिन्न विद्यालयों के उप-कलपतियों के लिए महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान किया।

5. आदर्श और प्रेरणा: उनका जीवन और कार्य हमें एक आदर्श और प्रेरणा के रूप में सेवा करते हैं। उन्होंने दृढता, संघर्षशीलता, और सहिष्णुता के साथ कई कठिनाइयों का सामना किया और समाज के लिए सकारात्मक परिवर्तन किए।

यशवंत सिंह बादल जी का जीवन एक उदाहरण है कि व्यक्तिगत साहस और समर्पण के साथ हम समाज के लिए कैसे महत्वपूर्ण परिवर्तन कर सकते हैं। उनके योगदान को सराहना करते हैं और उनकी यात्रा से हमें कई महत्वपूर्ण सिखने को मिलती हैं।